कस्बे में राजकीयमहाविद्यालय नहीं होने से गरीब व असहाय लोगों के बच्चों कोउच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए मुंह देखना पड़ रहा है। एसा नहीं है किकुचामन में शिक्षा का महत्व कम है। यहां तक की कुचामन सिटी कोशिक्षा की नगरी का दर्जा भी
प्राप्त है। इसके बावजूद भी यहांराजकीय महाविद्यालय नहीं है। क्षेत्र में 20 से भी ज्यादा निजीमहाविद्यालय हंै। 70 से भी
ज्यादा उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं।
कुचामन में 80 हजार विद्यार्थी अध्यनरत: प्राप्त जानकारी केअनुसार कुचामन शहर में सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों मेंकरीब 80 हजार विद्यार्थी अध्यनरत है। उच्च वर्ग के लोगों के बच्चे तो निजी महाविद्यालय में प्रवेश लेकर उच्च शिक्षा
प्राप्त करलेते हैं।
लेकिन गरीब तबके के लोगों के बच्चों को भारी फीस नहीं होने के कारण शिक्षा से मुंह मोडऩा पड़ता है। और उच्च शिक्षा से
वंचित रह जाते हैं। एक तरफ तो सरकार शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। जबकि दूसरी ओर शिक्षा नगरी होने के बावजूद राजकीयमहाविद्यालय नहीं होने से आर्थिक स्थिती से कमजोर विद्यार्थियों को आगे पढऩे का मौका नहीं मिल रहा है।.
Source - Morning News
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