Kuchaman City is a city and a municipality in Nagaur District in the Indian State of Rajasthan. The city has a few Havelis in the Shekhawati style and a fort overlooking city on a Hill top. This fort is about 1100 years old built 9th century AD by Rathore rulers Zalim Singh of the area.Recently the shooting of the movie 'DRONA' starring Abhishek Bachan and Priyanka chopra was done in the fort which will further make this fort a huge tourist attraction.

Friday, September 13, 2013

Kavi Sammelan Organized in Ganpati Mahotsav Kuchaman City


'गिरता रिप्या न नहीं, देश का गिरता चरित्र न उठावों...'

नया शहर गणपति महोत्सव जमा कवि सम्मेलन, देर रात तक चले व्यंज्यबाण

 

'यार से यारी रख, दुरूख में भागीदारी रख। लोग भले ही कुछ भी बोले, तूं तो जिम्मेदारी रख।' कुछ ऐसे ही अल्फाजों के साथ गुजरी कुचामन सिटी की बुधवार की रात। मौका था नया शहर में गणपति महोत्सव में आयोजित कवि सम्मेलन का. जिसमें प्रदेश के नामी कवि देर रात तक हिन्दी-राजस्थानी काव्य के विविध रसों से श्रोतोंओं को सरोबार करते रहे। वहीं हजारों खचाखच पांडाल में मौजूद श्रोता तालियों की गडग़ड़ाहट से रचनाओं पर दाद देते रहे।

प्रारंभिक पंक्तियों के साथ अपने कविता पाठ को शुरू कर भीलवाड़ा के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सलूम्बर के कवि प्रहलाद पारीक ने देश की स्थिति पर चिंतन किया। 'न्याय मांगती देश से सरबजीत की लाश' कविता के माध्यम से सीमा पार जेलों में बंद भारतीयों के दर्द को रेखांकित किया।

मध्यप्रदेश की सीमा पर बसे निम्बाहेड़ा के वीर रस के कवि वाजिद अली वाजिद ने 'तिरंगा हूं तिरंगा कहलाता हूं' के माध्यम से राष्ट्रभक्ति का रस घोल दिया। उन्होनें अपनी प्रस्तुति 'मैं इंसान हूं, मुझे हिन्दू या मुसलमान ना समझा जाए' के माध्यम से साम्प्रदायिक सदभावना का संदेश दिया।


कवि सम्मेलन का आगाज उदयपुर की रिया लता सोनी की सरस्वती वंदना के साथ हुआ। कवियित्री ने कवि सम्मेलन में प्यार-मोहब्बत की मिठास के साथ अपनी मधुर आवाज घोलते हुए 'प्यार उपजाती हूं, नफरत को दफन करती हूं' से अपना परिचय देकर राधा और मीरां के प्रेम की पराकाष्ठा को अपनी गज़ल के माध्यम से प्रदर्शित किया।

कवि सम्मेलन में मौजूद हास्य रस के कवियों ने चुटीली रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदाया। डीडवाना के युवा कवि अशोक सेवदा ने हास्त कविता में वर्तमान समय के प्रमुख मुद्दे रूपए की गिरती कीमत पर ध्यान आकर्षित करते हुए राजस्थानी में प्रस्तुत 'गिरता रिप्या न नहीं, देश का गिरता चरित्र न उठावों...' अपनी इस रचना में देश के गिरते नैतिक चरित्र को उठाने का संदेश दिया। सेवदा के व्यंग्य बाण ऐसे चले कि उपस्थित श्रोताओं ने जमकर ठहाके लगाए। हास्य रस में सराबोर अपनी रचनाओं एवं राजस्थानी गीत प्रस्तुत कर केकड़ी के देवकरण देव ने दाद बटोरी। वहीं हास्य की पुट लिए कवि सम्मेलन का संचालन भीलवाड़ा के ओम तिवारी ने जमकर ठहाके लगवाए।

इस मौके पर अपनी तल्ख टिप्पणियों के लिए प्रसिद्ध भीलवाड़ा से आए वरिष्ठ साहित्यकार-गीतकार प्रो. राजेन्द्र गोपाल व्यास ने अपने गीत प्रस्तुत किए। उन्होनें अपनी एक टिप्पणी उद्धृत करते हुए कहा कि 'इन हवाओं में हम अपने उद्यानों को तो नहीं बचा सकते है। लेकिन उन बीजों को तो बचा सकते है जिनसे उद्यान लगा सकते है।'

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खचाखच गया पांडाल
कवि सम्मेलन में श्रोताओं के बैठने के लिए विशाल पांडाल बनाया गया जो कि कवि सम्मेलन आरम्भ होने के कुछ देर बाद ही खचाखच भर गया। कवियों की मंत्रमुगध कर देने वाली रचनाओं को सुनने के लिए घंटो लोगों ने खड़े रहकर कवियों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं की प्रस्तुति को सुनते हुए कार्यक्रम का आनन्द लिया। इस मौके पर बसपा नेता अभिलाष शेखावत मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। वहीं भाजपा नेता सरोज प्रजापत, ज्ञानाराम रणवां, कुविस के कार्यकारी अध्यक्ष नटवरलाल वक्ता समेत साहित्य प्रेमी मौजूद थे। प्रारम्भ में आयोजन समिति के संजय शर्मा, जुगल सर्राफ, प्रवीण शर्मा टिंचू आदि ने सभी का स्वागत किया।

Source - Nagaur Live